उज्जैन के लिए हमारे लक्ष्य लोगो की आकांक्षाओं से विकसित हुए हैं, इसमें हमने रणनीति वध्य उन क्षेत्रो पर ध्यान केन्द्रित किया हैं जिसमे लोगो की रूचि अधिक हैं।एसएफए और स्ट्रैटेजिक एक्शन (एसएएस) के लिए रणनीतिक ब्ल्यूप्रिंट में उज्जैन (कृपया अनुलग्नक देखें – ३.२ )
एसएफए १ के लिए हमारे विकास लक्ष्य – धार्मिक वृद्धि और सामाजिक-सांस्कृतिक पहचान
- सार्वजनिक स्थल और सभी विरासत भवनों के संरक्षण और पुनर्स्थापना।
- पर्यटकों से जुड़ने के लिए विरासत, आध्यात्मिकता, योग और कल्याण जैसे अतिरिक्त अवसरों का निर्माण। ज्ञान-प्रेरित गतिविधियों जैसे योगिक अध्ययन, वैदिक अध्ययन, आयुर्वेद और संस्कृत अध्ययन में पाठ्यक्रमों की शुरूआत।
- विदेशी पर्यटकों में बहु गुना वृद्धि का प्रयास।
- घरेलू पर्यटकों में २५% वृद्धि (३.७५ मिलियन से अधिक प्रति वर्ष) करने का प्रयास।
- उज्जैन में रहने की औसत अवधि में ५०% वृद्धि (वर्तमान में इसकी १-१.५ दिन है) की योजना।
एसएफए २ के लिए विकास लक्ष्य – सामाजिक-आर्थिक विकास
- आतिथ्य के क्षेत्र में पर्यटन और ज्ञान संचालित पहल. अगले पांच साल में १०००० से अधिक नई नौकरियां, परिवहन, व्यापार और वाणिज्य, आईटी और अन्य संबंधित सेवाएं।
- ज्ञान और पर्यटन आधारित आर्थिक गतिविधियों से प्रति वर्ष ७५० नवोदित उद्यमी के ऊष्मायन।
- कौशल विकास केंद्रों और व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थानों के माध्यम से गतिविधियां कर पर्यटन में १५०० कर्मचारियों का कौशल विकास।
- एलआईजी और ईडब्ल्यूएस मांग के लिए हर साल २००० किफायती आवास इकाइयों का का निर्माण करना।
- आवास के प्रावधान को सुनिश्चित करने के लिए २०२२ तक सभी के लिए आवास और सभी झुग्गी निवासियों के लिए बुनियादी सेवाएं।
- एचएच प्रति व्यक्ति औसत आय ३३% तक वृद्धि होनी चाहिए।
- शहर में बीपीएल परिवारों की संख्या २५% कम होनी चाहिए।
एसएफए ३ के लिए हमारे विकास लक्ष्य – नागरिकों के लिए गुणवत्ता वाले वातावरण, पर्यटकों के लिए गुणवत्ता का अनुभव, बुनियादी सेवाओं और स्थायी शहरी वातावरण के स्तर को बढ़ाना।
- अपशिष्ट पानी के पुनर्नवीनीकरण के साथ सभी के लिए २४ X ७ पानी की आपूर्ति।
- स्मार्ट ऊर्जा ग्रिड के साथ सभी को २४ X ७ पानी की आपूर्ति, स्मार्ट मीटरिंग और नेट मीटरिंग नीति द्वारा सौर ऊर्जा को बढ़ावा देना।
- अपशिष्ट पानी के पुनर्नवीनीकरण कर उपयोग के साथ सीवरेज से जुड़े घरों का ७५% कवरेज।
- डोर टू डोर संग्रह के साथ घरों की १००% तथा स्रोत पर अलगाव के साथ कम से कम ५०% कवरेज।
- वायु गुणवत्ता, पानी की गुणवत्ता और मौसम की निगरानी जैसी समस्याओं के निदान के लिए मदद और स्थायी शहरी वातावरण सुनिश्चित करने के लिए सुधारात्मक उपाय करना।