Due to the ban on Makar Sankranti bathing, fewer devotees arrived to take a dip in Kshipra.
24 Feb
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17 Jan
28 May By: USCL
वरिष्ठ नागरिकों के साथ विशेष हुई माँ क्षिप्रा महाआरती
उज्जैन स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने उज्जैन में प्रति शनिवार होने वाली माँ क्षिप्रा महाआरती को इस शनिवार और भी विशेष बनाया। अपने इस विचार को सार्थक करने के उद्देश्य से उज्जैन स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने उज्जैन जिले के समीपवर्ती जिलों के वरिष्ठ नागरिकों को आमंत्रण भेजा।
इस आमंत्रण के बाद इस शनिवार हुई माँ क्षिप्रा महाआरती में उज्जैन के वरिष्ठ नागरिकों के साथ देवास और इंदौर के वरिष्ठ नागरिकों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। जहां इंदौर के 100 से अधिक वरिष्ठ नागरिक इस आयोजन में शामिल हुए हैं, वहीं देवास के भी 40 से अधिक वरिष्ठ नागरिकों ने इस आयोजन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
23 Apr By: USCL
महाकाल मंदिर के नए सभामंडप का निर्माण कार्य तेज, जून तक बन जाएगी एक मंजिला छत
उज्जैन के महाकाल मंदिर के पुराने सभामंडप को तोड़कर बनाये जा रहे नए सभामंडप का निर्माण कार्य तेजी से बढ़ रहा हैं। और अब इस निर्माण कार्य में लोहे के पिलर लगने लगे हैं। यूडीए का दावा हैं कि जून के अंत तक इसकी एक मंजिल छत बनाकर मंदिर प्रबंध समिति को सौंप दिया जाएगा।
यूडीए के इंजीनियर शैलेन्द्र जैन ने बताया कि इस नए सभामंड़प की निर्माण अवधि आठ माह हैं, लेकिन इससे पहले ही सभामंड़प की पहली मंजील बनकर तैयार हो जाएगी।
16 Mar By: USCL
विक्रमोत्सव पर उज्जैन में प्रज्ज्वलित होगी अखंड ज्योत, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान करेंगे इसका प्रज्ज्वलन
उज्जैन में विक्रमोत्सव के अंतर्गत महाराजा विक्रमादित्य की स्मृति में अखंड ज्योत प्रज्ज्वलित होगी। 17 मार्च को रुद्रसागर के पास त्रिवेणी संग्रहालय के परिसर में मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के हाथों इसका प्रज्ज्वलन होगा। गौरतलब हो कि शहर में गैस से जलने वाली यह पहली अखंड ज्योति होगी।
आपको बता दे कि शहर में अखंड ज्योत की परंपरा है। जहां महाकालेश्वर मंदिर, हरसिद्धि और कुछ अन्य मंदिरों में तेल व घी से अखंड ज्योत जल रही है। लेकिन किसी महापुरुष की स्मृति में अखंड ज्योत पहली बार स्थापित हो रही है, यह अखंड ज्योत गैस से जलेगी।
14 Mar By: USCL
महर्षि सांदीपनि आश्रम पहुंची राज्यपाल, कहा-लिखे गुरु सांदीपनी से लेकर अब तक का इतिहास
मंगलवार की सुबह राज्यपाल आनंदीबेन पटेल उज्जैन के महर्षि सांदीपनि आश्रम पहुंची। जहां पर उन्होंने सुदामा के विषय में अपनी झिज्ञासा व्यक्त की। आनंदीबेन ने पूछा के उन्हें यह तो पता है कि भगवान श्री कृष्ण और सुदामा की मित्रता सांदीपनि आश्रम से ही हुई थी। लेकिन वे इस बारे में नहीं जानती की सुदामा यहां पर किस तरह और क्या करने के लिए आए थे। इस पर सांदीपनि आश्रम के मुख्य पुजारी प. रूपम व्यास ने जवाब दिया कि सुदामा गुजरात के पोरबंदर से यहां पर पढने के लिए आये थे।
वहीं भगवान श्री कृष्ण और बलराम जनेऊ संस्कार के बाद मथुरा से यहां पर आए थे। मंगलवार सुबह करीब १०.२० बजे आश्रम पहुंची राज्यपाल पटेल ने मुख्य पुजारी से गुरु सांदीपनि से लेकर अब तक का इतिहास लिखने को कहा ताकि नई पीढ़ी इसके इतिहास को जान सके। वहीं मुख्य पुजारी प. रूपम व्यास ने भी राज्यपाल को भरोसा दिलाया हैं कि वे जल्द ही इस कार्य को पूर्ण करने का प्रयास करेंगे।
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