उज्जैन। माघी पूर्णिमा पर बुधवार को खग्रास चंद्र ग्रहण हुआ। खगोलीय घटना का दुर्लभ नजारा शहर में करीब 2 घंटे दिखाई दिया। गऊघाट स्थित शासकीय जीवाजी वेधशाला में ग्रहण देखने के लिए टेलिस्कोप की व्यवस्था की गई थी, जिसकी सहायता से सैकड़ों लोगों ने यह नजारा देखा। ग्रहणकाल के दौरान मंदिरों में मूर्ति स्पर्श नहीं हुआ। पुजारी, पुरोहित और साधकों ने मंत्र जप किए। ग्रहण मोक्ष के बाद महाकाल मंदिर में शुद्घि हुई। फायर फायटर से मंदिर को धोया गया। इसके बाद पुजारियों ने भगवान महाकाल को भोग लगाकर संध्या आरती की।
शाम 5.18 बजे ग्रहण का स्पर्श शुरू हो गया था। लेकिन इस दौरान धूप खिली हुई थी, इसलिए ग्रहण का नजारा सूर्यास्त के बाद शाम 6.45 बजे से दिखाई दिया। वेधशाला के अधीक्षक राजेंद्र प्रसाद गुप्त ने बताया शाम 6.45 से रात्रि 8.41 बजे तक ग्रहण स्पष्ट रूप से नजर आया। बुधवार को आसमान साफ था इसलिए चंद्रमा की पूर्ण आकृति नजर आई।
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