रामघाट पर सौंदर्यीकरण और छोटे रुद्रसागर पर लेक फ्रंट कॉरिडोर।
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10 अप्रैल अब उज्जैन में साफ़ हो सकेगा सीवरेज का पानी, कृषि के लिए किया जाएगा उपयोग
उज्जैन शहर से रोज निकलने वाले ९ करोड़ २० लाख लीटर गंदे पानी को साफकर उसका उपयोग खेतों में सिचाईं के लिए किया जायेगा, साथ ही गंदे पानी की गाद खाद के रूप में उपयोग की जा सकेगी। इसे किसान निःशुल्क ले जा सकेंगे। अगर रोड पर सुरासा में सीवरेज प्लान में ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण शुरू हो गया हैं।
यह प्लांट करीब १३ हेक्टेयर जमीन में बनेगा। जमीन का कब्ज़ा मिलने के बाद अब निर्माण कार्य भी शुरू हो गया हैं। ४०० करोड़ की इस योजना में शहर से रोज निकलने वाले गंदे पानी को अंडरग्राउंड पाइप लाइन से अगर रोड पर स्थित सुरासा ग्राम में बन रहे ट्रीटमेंट प्लांट ले जाया जाएगा।
02 अप्रैल उज्जैन में ८६ प्रतिशत कम हुआ प्लास्टिक कचरा, आम लोग आ रहे हैं आगे
स्वच्छ भारत अभियान की मुहीम का असर उज्जैन शहर पर दिखने लगा हैं। शहर प्लास्टिक और पॉलीथिन के कचरे से धीरे धीरे मुक्त हो रहा हैं। और यह हम नहीं बल्कि जारी आकड़ें कह रहे हैं। दरअसल शहर से निकलने वाले कचरे में प्लास्टिक और पॉलीथिन की मात्रा २ साल में ८६ प्रतिशत कम हुई हैं।
इसका असर यह हुआ की गोंदिया ट्रेचिंग ग्राउंड पर प्लास्टिक प्रोसेसिंग यूनिट लगाने की आवश्यकता ही नहीं नजर आ रही हैं और इसके चलते अब इस यूनिट को लगाने का प्लान ही टल गया हैं। वहीं शहर के केटरिंग व्यावसायी भी ग्राहकों को प्लास्टिक डिस्पोजल के स्थान पर क्रॉकरी और कागज़ डिस्पोजल के उपयोग के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।