स्वच्छ भारत अभियान की मुहीम का असर उज्जैन शहर पर दिखने लगा हैं। शहर प्लास्टिक और पॉलीथिन के कचरे से धीरे धीरे मुक्त हो रहा हैं। और यह हम नहीं बल्कि जारी आकड़ें कह रहे हैं। दरअसल शहर से निकलने वाले कचरे में प्लास्टिक और पॉलीथिन की मात्रा २ साल में ८६ प्रतिशत कम हुई हैं।
इसका असर यह हुआ की गोंदिया ट्रेचिंग ग्राउंड पर प्लास्टिक प्रोसेसिंग यूनिट लगाने की आवश्यकता ही नहीं नजर आ रही हैं और इसके चलते अब इस यूनिट को लगाने का प्लान ही टल गया हैं। वहीं शहर के केटरिंग व्यावसायी भी ग्राहकों को प्लास्टिक डिस्पोजल के स्थान पर क्रॉकरी और कागज़ डिस्पोजल के उपयोग के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।