News Categories: धार्मिक और सांस्कृतिक

02 फरवरी
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महाशिवरात्रि पर महाकाल के दर्शन का प्रारंभिक प्लान तैयार

उज्जैन. महाशिवरात्रि पर महाकाल मंदिर में दर्शन का प्रारंभिक प्लान तैयार हो गया है। यह लगभग गत वर्ष अनुसार है। इस अनुसार महाशिवरात्रि पर सभी श्रद्धालुओं के दर्शन की व्यवस्था नंदी हॉल के पीछे आठ रैलिंग से रहेगी। मंदिर परिसर में चार द्वार से प्रवेश दिया जाएगा।

पर्व की व्यवस्थाएं की जा रही
महाकालेश्वर मन्दिर में पर्व की व्यवस्थाएं की जा रही हैं। दर्शनार्थियों को कम समय में महाकाल बाबा के दर्शन हो, इसके लिए व्यापक प्रबंध किए जाएंगे। १३ फरवरी को दर्शन का प्लान गत वर्ष की तरह ही है। महाकाल दर्शन के लिए नन्दी हॉल के पीछे लगी आठ रेलिंग तक जाने के लिए आम और खास दर्शनार्थी को जल द्वार के पास से प्रवेश मिलगा।

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01 फरवरी
By: USCL 0

इलाहाबाद कुंभ को लेकर उज्जैन में बैठक आज

उज्जैन. इलाहाबाद में होने वाले कुंभ की व्यवस्थाओं को लेकर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद केंद्रीय समिति की बैठक उज्जैन में होगी। २ व ३ फरवरी को होने वाली बैठक नीलगंगा स्थित मुख्य प्रधान कार्यालय परिसर में होगी।

इसमें पिछले वर्षों में हुए नासिक व उज्जैन कुंभ में साधु संतों की व्यवस्थाओं में रही कमियों के साथ अगले वर्ष इलाहाबाद में आयोजित अर्धकुंभ की व्यवस्थाओं पर मंथन किया जाएगा। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष नरेंद्रगिरि महाराज की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में सभी 13 अखाड़ों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। बैठक में प्रमुख रूप से नासिक व उज्जैन सिंहस्थ में मूलभूत सुविधाओं से लेकर साधु संतों के पड़ाव, पेशवाई और आवास संबंधी व्यवस्थाओं पर चर्चा होगी।

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01 फरवरी
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शिवरात्रि पर ४२ घंटे खुले रहेंगे महाकाल के पट

उज्जैन. महाशिवरात्रि पर्व नजदीक है, इसे लेकर तैयारियां भी जोरों पर हैं। शिवरात्रि ? पर महाकाल और मंगलनाथ मंदिर के पट लगातार ४२ घंटे खुले रहेंगे। इधर, शिवरात्रि को लेकर के लिए महाकाल मंदिर में तैयारियां की जा रही हैं। रुद्रयंत्र को चमकाया जा रहा है। वहीं कोटि तीर्थ कुंड की सफाई भी की जा रही है और शिखर की पुताई का कार्य अंतिम चरण में है।

महाकाल मंदिर में 13 फरवरी को शिवरात्रि
महाकाल मंदिर में १३ फरवरी को शिवरात्रि पर्व मनाया जाएगा। इसको लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। गर्भगृह में चांदी के रुद्र यंत्र ? की सफाई प्रारंभ हो गई है। रुद्र यंत्र को चमकाने का कार्य 3 दिन चलेगा। इस दौरान गर्भगृह में आम प्रवेश बंद कर दिया गया है।

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01 फरवरी
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चंद्र ग्रहण…महाकाल में आधा घंटा पहले संध्या पूजा

उज्जैन। साल के पहले खग्रास चंद्र ग्रहण पर विश्व प्रसिद्घ ज्योतिर्लिंग महाकाल में शाम 5 बजे होने वाली संध्या पूजा आधा घंटा पहले शाम 4.30 बजे हुई। पुजारियों ने महाकाल का अर्धचंद्र रूप में श्रृंगार किया। शाम 5.18 बजे ग्रहण का स्पर्श शुरू होते ही। पंडितों ने गर्भगृह में बैठकर मंत्र जप शुरू किया। नगर के अन्य मंदिरों में वेध काल के दौरान मूर्ति स्पर्श नहीं हुआ। भक्तों को बाहर से दर्शन कराए गए। ग्रहण काल के दौरान श्रद्घालु जप, तप में लीन रहे। ज्योतिषियों के अनुसार ग्रहणकाल में मंत्र सिद्घि की क्रिया होती है। इसलिए कई साधक मोक्षदायिनी शिप्रा के जल में खड़े होकर मंत्र जप करते नजर आए। रात 8.22 पर ग्रहण समाप्त होने के बाद मंदिरों में शुद्घि के बाद संध्या आरती हुई।
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01 फरवरी
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चंद्र ग्रहण मोक्ष के बाद हुई महाकाल मंदिर में शुद्घि

उज्जैन। माघी पूर्णिमा पर बुधवार को खग्रास चंद्र ग्रहण हुआ। खगोलीय घटना का दुर्लभ नजारा शहर में करीब 2 घंटे दिखाई दिया। गऊघाट स्थित शासकीय जीवाजी वेधशाला में ग्रहण देखने के लिए टेलिस्कोप की व्यवस्था की गई थी, जिसकी सहायता से सैकड़ों लोगों ने यह नजारा देखा। ग्रहणकाल के दौरान मंदिरों में मूर्ति स्पर्श नहीं हुआ। पुजारी, पुरोहित और साधकों ने मंत्र जप किए। ग्रहण मोक्ष के बाद महाकाल मंदिर में शुद्घि हुई। फायर फायटर से मंदिर को धोया गया। इसके बाद पुजारियों ने भगवान महाकाल को भोग लगाकर संध्या आरती की।

शाम 5.18 बजे ग्रहण का स्पर्श शुरू हो गया था। लेकिन इस दौरान धूप खिली हुई थी, इसलिए ग्रहण का नजारा सूर्यास्त के बाद शाम 6.45 बजे से दिखाई दिया। वेधशाला के अधीक्षक राजेंद्र प्रसाद गुप्त ने बताया शाम 6.45 से रात्रि 8.41 बजे तक ग्रहण स्पष्ट रूप से नजर आया। बुधवार को आसमान साफ था इसलिए चंद्रमा की पूर्ण आकृति नजर आई।
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30 जनवरी
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महाकाल मंदिर में 13 फरवरी को मनाया जायेगा महाशिवरात्रि पर्व

उज्जैन। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में 13 फरवरी को महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाएगा। देश के कुछ पंचांगों में 14 फरवरी को शिवरात्रि का उल्लेख है। इसे लेकर मंदिर प्रशासन ने सोमवार को पुजारी-पुरोहित की बैठक बुलाई। पुजारी-पुरोहितों ने 13 फरवरी को महापर्व मनाने का निर्णय लिया है।

प्रशासक अवधेश शर्मा ने बताया कि 5 फरवरी से मंदिर में शिवनवरात्रि उत्सव शुरू होगा। 13 फरवरी को भगवान की त्रिकाल पूजा होगी। मध्यरात्रि में महाकाल की महापूजा के बाद तड़के 4 बजे भगवान के शीश सवा मन फूल व फल से बना मुकुट सजाया जाएगा। 14 फरवरी को दोपहर 12 बजे भस्म आरती और उसके बाद भोग आरती होगी। 17 फरवरी को चंद्र दर्शन की दूज पर भगवान महाकाल के पंच मुखारविंद दर्शन होंगे।
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30 जनवरी
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शासकीय जीवाजी वेधशाला से देख सकेंगे वर्ष का पहला पूर्ण चंद्रग्रहण

उज्जैन। वर्ष का पहला पूर्ण चंद्रग्रहण 31 जनवरी की शाम 5 बजकर 18 मिनट पर प्रारंभ होगा। पूर्ण ग्रहण की स्थिति शाम 6 बजकर 59 मिनट पर होगी तथा मोक्ष रात 8 बजकर 41 मिनट पर होगा। शासकीय जीवाजी वेधशाला में अधीक्षक डॉ.राजेंद्र प्रकाश गुप्त ने बताया कि वेधशाला में टेलिस्कोप के माध्यम से इस खगोलीय घटना को देखने की व्यवस्था शाम 6 बजकर 8 मिनट से मोक्षकाल तक की गई है।

ज्जैन। गच्छाधिपति आचार्य श्रीमद् विजय नित्यसेन सूरिश्वरजी एवं आचार्यश्री जयरत्त्न सूरिश्वरजी की प्रेरणा से श्री राजेंद्र सूरि जैन ज्ञानमंदिर नमकमंडी में सोमवार को आचार्यश्री विजय जयंतसेन सूरिश्वरजी का 35वां पाट महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। सिद्घरत्न विजयजी, विद्वरत्न विजयजी की निश्रा में वरघोड़ा निकला एवं गुणानुवाद सभा हुई।
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28 जनवरी
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चंद्र ग्रहण 31 को, महाकाल की संध्या आरती के समय में बदलाव

उज्जैन। माघी पूर्णिमा पर 31 जनवरी को खग्रास चंद्र ग्रहण रहेगा। शाम 5.18 बजे से ग्रहण का स्पर्श और रात्रि 8.42 पर मोक्ष होगा। ग्रहण का वेध काल (सूतक) 12 घंटे पहले लग जाएगा। ग्रहण के समय महाकाल सहित शहर के अन्य प्रमुख मंदिरों में आरती का समय बदल जाएगा। महाकाल मंदिर में शाम 7.15 बजे होने वाली संध्या आरती ग्रहण के पश्चात रात्रि 9 बजे के बाद होगी।

पं.आशीष पुजारी ने बताया कि ज्योतिर्लिंग महाकाल में ग्रहण के वेध काल के नियम अलग हैं। अन्य मंदिरों में वेध काल के दौरान मूर्ति स्पर्श नहीं किया जाता है। महाकाल मंदिर में ऐसा नियम नहीं है। श्रावण मास में ग्रहण के दौरान पालकी पर डाब रखकर सवारी भी निकाली गई थी, इसलिए ग्रहण के वेध काल में मंदिर प्रशासन की व्यवस्था अनुसार गर्भगृह में प्रवेश रहेगा। इधर मंगलनाथ मंदिर में 31 जनवरी चंद्रग्रहण पर सूतक के दौरान दिन में भातपूजा होगी या नहीं, इस पर रविवार को पुजारी-पुरोहित व अधिकारियों की बैठक में निर्णय लिया जाएगा।
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27 जनवरी
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महाशिवरात्रि के पहले बाबा के दरबार में होगा शिव नवरात्री उत्सव

उज्जैन.  बाबा महाकाल के दरबार में  के अवसर पर नौ दिन पहले से ही उत्सव मनाए जाने की परंपरा है। १४ फरवरी को दिन में १२ बजे भस्म आरती होगी। आम दिनों में भस्म आरती तड़के 4 बजे होती है। वर्ष में एक ही बार यह अवसर आता है, जब दोपहर में बाबा को भस्मी चढ़ती है। 5 फरवरी से महाकालेश्वर मंदिर  में शिव नवरात्रि  उत्सव आरंभ होगा। नौ दिनों तक विविध स्वरूपों में बाबा महाकाल के दर्शन होंगे। हर दिन नए स्वरूप में बाबा अपने भक्तों को दर्शन देंगे।

वर्ष में एक ही बार लगती है हल्दी
आशीष पुजारी ने बताया कि मान्यतानुसार भगवान महाकाल को हल्दी अर्पित नहीं की जाती है। दरअसल हल्दी स्त्री के सौंदर्य प्रसाधन में प्रयोग होती है। इसके अलावा हल्दी की तासीर गरम होती है। महाकाल को शीतल (ठंडे) पदार्थ अर्पित किए जाते हैं। ऐसे में सिर्फ वर्ष में एक बार ही शिवनवरात्रि के दौरान जिस तरह विवाह में दूल्हे को हल्दी लगाई जाती है, उसी प्रकार भगवान महाकाल को हल्दी लगाई जाती है। इसके साथ ही केसर, चंदन, इत्र और अन्य सुगंधित पदार्थ का उबटन लगाया जाता है।
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26 जनवरी
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महाकाल मंदिर में मिलेगा चांदी के सिक्को का प्रसाद

उज्जैन पत्रिका.  महाकाल मंदिर  में ११ सौ रुपए की कीमत के १०० टंच चांदी के सिक्कों की बिक्री शुरू हो गई है। पहली खेप में ५०० से अधिक सिक्के मंदिर समिति के पास पहुंच चुके हैं। महाकाल मंदिर समिति द्वारा राजाधिराज महाकाल के भक्तों को चंादी के सिक्कों का विक्रय किया जाता है।

पूर्व में १० ग्राम के सिक्के
पूर्व में १० ग्राम के सिक्के में ९९ प्रतिशत चांदी और १ प्रतिशत अन्य धातु रहती थी। कुछ समय पहले मंदिर समिति ने १०० टंच चांदी के सिक्के विक्रय करने का निर्णय लिया था। इसके लिए मंदिर प्रबंध समिति ने समिति का गठन किया था। समिति द्वारा सिक्कों के लिए २० किलो चांदी खरीदी व सिक्कों का निर्माण इंदौर में कराया गया। मंदिरों के काउंटर से विक्रय शुरू हो गया है।
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