उज्जैन. धूम्रपान से श्वास, दमा और फेफड़े संबंधी रोग होते हैं। परंतु यदि एक हुक्का ही इन रोगों को दूर करे तो हर किसी को अचरज होगा। जी, हां यह सच है। आयुर्वेद पद्धति में एक हुक्के के माध्यम से ही इन रोगों का इलाज संभव है। शासकीय धन्वंतरि आयुर्वेदिक चिकित्सालय में देश की प्रथम धूम्रपान चिकित्सा इकाई शुक्रवार से प्रारंभ हुई है। विभिन्न जड़ी-बूटियों का आयुर्वेद में चिकित्सा धूम्रपान द्वारा श्वास या दमा रोग का इलाज संभव है।
फेफड़े संबंधी रोगों का इलाज
शासकीय धन्वंतरि आयुर्वेदिक चिकित्सालय में धूम्रपान इकाई का प्रारंभ २ फरवरी से डॉ. प्रकाश जोशी एवं डॉ. निरंजन सराफ द्वारा किया गया है। यह देश की प्रथम एेसी इकाई होगी, जहां धूम्रपान से श्वास, दमा और फेफडे़ संबंधी रोगों का इलाज किया जाएगा।
इन्हेलर का प्रयोग
डॉ. प्रकाश जोशी ने बताया वर्तमान आधुनिक चिकित्सा में श्वास रोग के लिए इन्हेलर का प्रयोग किया जाता है। इन्हेलर के प्रयोग के बाद भी श्वास रोग समाप्त नहीं होता है एवं श्वास रोग के वेग आते रहते हैं। समय के साथ इन्हेलर की मात्रा भी बढ़ जाती है। अत: आयुर्वेदिक धूम्रपान का उपयोग श्वास रोग में करने से श्वास रोग में अत्यंत लाभ मिलता है, साथ ही फेफड़ों के स्वास्थ्य में सुधार होने से पूरे शरीर में ऑक्सीजन मिलती है।