मंगलवार की सुबह राज्यपाल आनंदीबेन पटेल उज्जैन के महर्षि सांदीपनि आश्रम पहुंची। जहां पर उन्होंने सुदामा के विषय में अपनी झिज्ञासा व्यक्त की। आनंदीबेन ने पूछा के उन्हें यह तो पता है कि भगवान श्री कृष्ण और सुदामा की मित्रता सांदीपनि आश्रम से ही हुई थी। लेकिन वे इस बारे में नहीं जानती की सुदामा यहां पर किस तरह और क्या करने के लिए आए थे। इस पर सांदीपनि आश्रम के मुख्य पुजारी प. रूपम व्यास ने जवाब दिया कि सुदामा गुजरात के पोरबंदर से यहां पर पढने के लिए आये थे।
वहीं भगवान श्री कृष्ण और बलराम जनेऊ संस्कार के बाद मथुरा से यहां पर आए थे। मंगलवार सुबह करीब १०.२० बजे आश्रम पहुंची राज्यपाल पटेल ने मुख्य पुजारी से गुरु सांदीपनि से लेकर अब तक का इतिहास लिखने को कहा ताकि नई पीढ़ी इसके इतिहास को जान सके। वहीं मुख्य पुजारी प. रूपम व्यास ने भी राज्यपाल को भरोसा दिलाया हैं कि वे जल्द ही इस कार्य को पूर्ण करने का प्रयास करेंगे।