उज्जैन। माघी पूर्णिमा पर 31 जनवरी को खग्रास चंद्र ग्रहण रहेगा। शाम 5.18 बजे से ग्रहण का स्पर्श और रात्रि 8.42 पर मोक्ष होगा। ग्रहण का वेध काल (सूतक) 12 घंटे पहले लग जाएगा। ग्रहण के समय महाकाल सहित शहर के अन्य प्रमुख मंदिरों में आरती का समय बदल जाएगा। महाकाल मंदिर में शाम 7.15 बजे होने वाली संध्या आरती ग्रहण के पश्चात रात्रि 9 बजे के बाद होगी।
पं.आशीष पुजारी ने बताया कि ज्योतिर्लिंग महाकाल में ग्रहण के वेध काल के नियम अलग हैं। अन्य मंदिरों में वेध काल के दौरान मूर्ति स्पर्श नहीं किया जाता है। महाकाल मंदिर में ऐसा नियम नहीं है। श्रावण मास में ग्रहण के दौरान पालकी पर डाब रखकर सवारी भी निकाली गई थी, इसलिए ग्रहण के वेध काल में मंदिर प्रशासन की व्यवस्था अनुसार गर्भगृह में प्रवेश रहेगा। इधर मंगलनाथ मंदिर में 31 जनवरी चंद्रग्रहण पर सूतक के दौरान दिन में भातपूजा होगी या नहीं, इस पर रविवार को पुजारी-पुरोहित व अधिकारियों की बैठक में निर्णय लिया जाएगा।
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